दिल के धोके, ज़बान की शायरी

जुनून का परिणाम कभी नहीं आसान होता। दिल अंदर से ज़ाहिर तौर पर बोलता है लेकिन जीवन की वस्तुनिष्ठता में यह तेज़ी से मिट जाता है। कविता ही इसे समझने का पथ देती हैं, क्योंकि ध्वनि मन की गूंज को प्रकाशित करती है।

दुष्टता की छाप: कविता में

ह्रदय में धोखा देना एक निंदनीय कार्य होता है। यह सार्वभौमिक रूप से विनाशकारी होता है और अंदर से तूफान मचाता है।

कविता में, धोखेबाज़ी का स्टाइल आकर्षक हो सकता है। व्यंग्य शब्दों के ज़रिए, कवि भेदक की उद्देश्यों को उजागर करता है।

भावना का दुःख दर्शाते हुए, कवि धोखा के दायित्व को सही ढंग से समझाया जा सकता है।

जब तक दिल मेरा था, तब तक रहीं शायरी

जब उनकी दिल में प्यार था, तो कविताएं उड़ती रहती थीं। कोई पल एक क़िस्सा बन जाता था, हर भावना को शब्दों में ढाला जाता था।

उनकी शायरी जीवन से भरपूर थी, लेकिन जीवन का ताना-बाना भी तोड़ता गया। धीरे-धीरे दिल की वो आग बुझी, तो शब्दों का स्रोत खामोश गया।

बंद कर दे ये झूठे वादे

ये सारे गलतफ़हमीयाँ तो बस धोखा ही हैं। तुम्हारा अच्छा सफेद रंग भी, अब सिर्फ एक बाबू सा लगता है। ज़्यादा गुस्सा हो रहा है मुझे, कि मैं तुम्हें कभी भी माफ़ नहीं कर पाऊंगा। तुमने तो मेरा साथ ही उड़ा दिया। अब सिर्फ एक आज्ञा है मेरे पास - इस दुनिया से निकलो।

दर्द भरी आवाज़ें, धोकेबाज़ शायरी

ये धुन , दिल से निकलती है , एक शिकायत की तरह। हर शब्द में छिपा है एक राज़, जो दर्द में बदल जाता है । और ये शायरी, झूठी, तुम्हें लुभाता है उस फर्ज़ी प्यार में।

धोखा है प्यार का यह रंग

शायरी कहती है कि प्यार में दर्द मिलती है, लेकिन उस मार्ग तक पहुँचने के लिए बहुत सी कठिनाइयाँ का सामना करना पड़ता है। प्यार का read more रंग गहरा होता है, और अक्सर यह दुख दे सकता है । शायरी इस सच्चाई को बयां करती है कि प्यार में बेवफाई भी छिपी होती है, और तथ्य यह है कि प्यार हमेशा ही सरल नहीं होता।

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